Freedom Fighters' History

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

किसी लेखक ने सत्य कहा है वीरों के बनाने के कारखाने नहीं स्थापित किये जा सकते, वे तो अपने जीवन के आरण्य में देवदारु के सदृष स्वतः उगते है।
तभी तो एक फूल तोड़ते समय अपने माली से यों कहता है-

विनती उदार नाथ मेरी है एक मानो माली कर, मंजु द्वारा तोड़ लिया जाऊ मै।
मातृ-भूमि बेदी पै जाते जो चढ़ाने शीश, मार्ग में उन्हीं के बस फेंक दिया जाऊँ मैं।।

पासी-समाज सदैव देश-भक्त रहा है चाहे जिस प्रकार का उत्सर्ग पासी जाति को देना पड़ा हो देश के रक्षार्थ हमारा समाज सदैव समर्पित रहा। किसी-किसी जाति में कुछ व्यक्ति ही देष-भक्त हुये हैं किन्तु पूरी की पूरी जाति यदि कोई देष-भक्त है या हुई है तो वह पासी-समाज के प्रमुख स्वतंत्रता-सेनानियों का संक्षिप्त परिचय देने जा रहे हैं जिसकों पढ़कर हमारा समाज गौरव अनुभव करेगा, साथ ही साथ समय आने पर अपने पूर्वजों जैसा पुनः अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा।

गोरखपुर

श्री रघुनाथ पासी: पुत्र श्री बरन पासी थाना-चौरी चौरा जिला-गोरखपुर के आप रहने वाले थे। चौरी चौरेा कान्ड में सन् 1924 ई0 में धारा 302 आई0पी0सी0 के अन्तर्गत फांसी की सजा पाई। जो बाद में पांच वर्ष हो गई थी।

श्री अलगू पासी- पुत्र श्री सुक्खा पासी ग्राम भागपट्टी थाना चौरी चौरा गोरखपुर के आप रहने वाले थे। आप को भी सन् 1924 में चौरी चौरा कान्ड में आई0पी0सी0 धारा 302 का मुल्जिम बनाया गया था। आप को अंग्रेजों ने 5 वर्ष का कठोर कारावास दिया था।

श्री तिल्लर पासी- आपके पिता का नाम भोला पासी था। ग्राम व थाना महराजगंज जिला गोरखपुर के आप भी रहने वाले थें। सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया सन् 1932 में छः माह की सजा हुई तथा 50 रू0 जुर्माना भी हुआ था।

श्री बलकरन पासी- आपके पिता श्री सहतू पासी थे। ग्राम नउआ डुमरी थाना झगहा जिला गोरखपुर के आप भी रहने वाले थे। आप पिता-पुत्र दोनों कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे। मैंने स्वयं सहतू पासी का वृतान्त आज से 10 वर्ष पूर्व एक अखबार में पढ़ा था। उस समय सहतू पासी जीवित थे नेत्रोें से कम दिखाई पड़ता था। चित्र में गाधी टोपी लगाये साधारण सा दीख पड़ने वाला व्यक्ति गांधी तक को पीछे छोड़ देने वाला सत्याग्राही, कमाल का व्यक्ति था। इन्हीं की पे्ररणा से गांधी जी ने कहा था कि कांगे्रसीजनों को सहतू पासी और बलकरन पासी से सत्याग्रह की सीख लेनी चाहिए। बलकरन को सविनय अवज्ञा आन्दोलन में चार माह की सजा और 20 रू0 जुर्माना हुआ था तथा सहतू पासी को छः माह की सजा व 50रू0 जुर्माना हुआ था।

श्री बसन्त पासी- पुत्र श्री रामधन पासी ग्राम-लालपुर थाना-झगहा जिला-गोरखपुर के आप रहने वाले थे। आप पर व्यक्तिगत आन्दोलन में सन् 1941 में छः वर्ष की कैद तथा 50रू0 जुर्माना हुआ था।

श्री छोटू पासी- श्री छोटू पासी ग्राम-चकिया थाना-चौरी चौरा जिला गोरखपुर के निवासी थे। इनको चौरी चौरा कान्ड का मुख्य अभियुक्त समझकर अॅंग्रेजों ने इतनी यातनायें दी थीं कि आप स्थल पर ही शहीद हो गये थे। धन्य है भारत माता के ऐसे सच्चे सपूत। पासी-समाज ऐसे सपूतों पर गर्व करता है।

श्री रामशरन पासी- आप भी थाना चौरी चौरा जिला-गोरखपुर के निवासी थे, चौरी चौरा कान्ड में प्रमुख भूमिका अदा करने के कारण आपको आठ वर्ष की कठोरतम सजा अंग्रेजों द्वारा दी गई थी।

श्री रामजस पासी- पुत्र श्री जगरूप पासी ग्राम करोल बाग थाना चौरी चौरा जनपद-गोरखपुर के आप भी निवासी थे। इनको सन् 1923 ई0 में चौरी चौरा कान्ड में पाच वर्ष की सजा हुई थी।

 

सीतापुर

श्री गजाधर प्रसाद पासी- आप के पिता का नाम श्री तिलक पासी था। आप ग्राम-षंखपुर जिला-सीतापुर के रहने वाले थे। आपने सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया था। सन् 1932 में चार माह की कैद और 10रू0 जुर्माना हुआ था।

श्री मैकू पासी- पुत्र श्री रम्मा पासी ग्रा मनिकापुर पोस्ट- सिधौली जिला- सीतापुर के रहने वाले थे। आपको सन् 1941 में डी0आइ्र्र0आर0 की धारा (38) में पांच के उपबंध के अधीन एक वर्ष की सख्त कैद तथा 20रू0 जुर्माना हुआ था।

श्री छोटे पासी- आपके पिता का नाम श्री कल्लू पासी था आप भी ग्राम- मनिकापुर पोस्ट- सिधौंली के रहने वाले थे। सन् 1941 में डी0आई0आर0 के अन्तर्गत 3 माह की कैद और 50रू0 जुर्माना भोगा।

श्री बैजू पासी- आप ग्राम- जटहा पोस्ट- सिधौंली जिला- सीतापुर के रहने वाले थे। भारत छोड़ो आंदोलन में कई बार जेल गये तथा विधायक भी हुये।

श्री मुलहे पासी- आपके पिता श्री बल्लन पासी भी बड़े आंदोलनकारी थे, आप भी ग्राम मनिकापुर पोस्ट- सिधौंली के रहने वाले सीतापुर जनपद के निवासी रहे हैं, सन् 1941 में डी0आई0आर0 में जेल गये और 3 माह की कैद पाई।

 

कानपुर

श्री कन्हैंया लाल पासी- आप श्री नारायण लाल पासी के पुत्र थे और फजलगंज जनपद-कानपुर के रहने वाले थे। आप बचपन से क्रान्तिकारी विचारों के प्रबुद्ध नागरिक थे आप कई बार जेल गये तथा पी0सी0एस0 की परीक्षा पास कर प्रषासनिक अधिकारी हुये तथा एडीषनल कमिष्नर होकर रिटायर हुये। आप का विगत वर्षो में स्वर्गवास हो चुका है। आपके सुपुत्र रणजीत सिंह पंकज भी प्रषासनिक अधिकारी हैं। और समाज सेवी है।

श्री दुर्गा प्रसाद पासी- पुत्र श्री बुधई पासी ग्राम- इमामपुर जिला-कानपुर के रहने वाले थे। आपने व्यक्तिगत आन्दोलन में सन् 1941 में छः माह की कैद और 20रू0 जुर्माना भोगा।

 

लखीमपुर खीरी

श्री छेड़ई पासी- आपके पिता का नाम श्री नरायन लाल था और ग्राम-रूपनपुरवा पो0 भानपुर जिला- लखीमपुर खीरी के रहने वाले थे। सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया और सन् 1932 में छः माह की कैद पाई तथा 25रू0 जुर्माना दिया।

श्री रामप्रसाद पासी- आप भी जनपद-खीरी के रहने वाले थे। सविनय अवज्ञा आन्दोलन में सन् 1930 में एक वर्ष की सजा पाई।

श्री रामलाल पासी- सुपुत्र श्री बिहारी लाल पासी ग्राम-दौलतपुर पोस्ट- बांकेगंज जिला खीरी के निवासी थे। व्यक्तिगत आन्दोलन में भाग लिया और एक माह की सजा पाई।

श्री छेदालाल पासी- सुपुत्र श्री उजागर लाल पासी ग्राम-गजियापुर पोस्ट-सुहेला जिला-खीरी के आप रहने वाले थे। सन् 1941 में व्यक्तिगत आन्दोलन में नौ माह की सजा तथा 40रू0 जुर्माना हुआ।

श्री छेदूलाल पासी- सुपुत्र दीनाराम पासी ग्राम खानपुर पोस्ट-ओयल जिला-खीरी में आप पैदा हुये थे। सन् 1941 में व्यक्तिगत आन्दोलन में छः माह की कैद और 50रू0 आप पर जुर्माना हुआ था।

श्री मैकूलाल पासी- आपका जन्म श्री जीवन पासी ग्राम-बाबापुर मजरा विकासपुर जिला-खीरी (पो0 बांकेगंज) के घर में हुआ था आप को व्यक्तिगत आन्दोलन में एक वर्ष की सजा हुआ तथा 25रू0 जुर्माना भी हुआ था।

श्री दुर्गा प्रसाद- आप श्री भूधर पासी के सुपुत्र थे आप ग्राम- अमिलिहा मघई पो0 मितौली जिला-खीरी के निवासी थे। भारत छोड़ो आन्दोलन में सन्1942 में पांच वर्ष की सजा काटी थी।

श्री भगवानदीन पासी- आप श्री कढ़िले पासी के सुपुत्र थे आपका ग्राम व पोस्ट-संसारपुर जिला-खीरी है। भारत छोड़ो आन्दोलन में सन् 1942 में 8 वर्ष की सजा काटी थी।

श्री छोटेलाल पासी- आपके पिता का नाम श्री अंगने पासी था। ग्राम-रायपुर पो0 बांकेगंज के आप निवासी थे। आप खीरी जनपद में बहुत लोकप्रिय थे आप में नायकत्व के गुण कूट-कूट कर भरे हुये थे। सन् 1942 में अंग्रेजो ने आप को 8 वर्ष की कठोर सजा दी।

श्री मंगूलाल पासी- सुपुत्र श्री डल्ला पासी ग्राम-मऊ पोस्ट- भूलनपुर जिला-खीरी के आप रहने वाले थे। सन् 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था। परिणामस्वरूप् आपको अंग्रेजों ने 10 वर्ष का कठोरतम कारावास की सजा दी।

श्री लक्ष्मण प्रसाद पासी- सुपुत्र श्री छेदा पासी ग्राम-खुर्रम नगर पो0 खैमहरा जिला-खीरी के आप निवासी थे। भारत छोड़ो आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया और सन् 1942 में 10 वर्ष की सजा पाई।

 

मुरादाबाद

श्री शीतला पासी- आप अमरोहा मुरादाबाद में निवास करते थे यद्यपि जनपद-मुरादाबाद में पासी जाति के लोग गिने चुने ही रहेते हैं फिर भी आपने अपने जनपद के साथ-साथ पासी जाति का भी गौरव बढ़ाया आपने सविनय अवज्ञा आन्दोलन में सन् 1930 में बढ़ चढ़कर भाग लिया। आपको अंग्रेजों ने छः माह की सजा और 50रू0 जुर्माने से दण्डित किया था।

 

फतेहपुर

श्री दुलारा पासी- आपके पिता का नाम श्री नन्हुआ था आप ग्राम-बजरी जिला-फतेहपुर के रहने वाले थे। सन्1932 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया था तथा छः माह की सजा पाई।

श्री रघुबीर पासी- आप ग्राम-नौनारा पो0- बिंदकी जिला-फतेहपुर के रहने वाले थे। सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया था। जबरन लागान वसूली में अन्यायी तहसीलदार को आपने गांव में ही मार डाला था। बाद में आपकों अंग्रेजों ने आजीवन कारावास की सजा दी थी।

 

फर्रूखाबाद

श्री मुल्ला पासी- आपके के पिता का नाम श्री भिम्मा पासी था। आप ग्राम व पोस्ट राजेपुर जिला-फर्रूखाबाद के रहने वाले थे। सािवनय अवज्ञा आन्दोलन मे भाग लिया तथा सन 1932 में छः माह की सजा पाई।

श्री मुल्ला- आपके पिता का नाम श्री सुब्बा पासी था आप ग्राम-सिढ़चक पो0 राजेपुर जनपद-फर्रूखाबाद के निवासी थे। सन 1932 में आप भी सविनय अवज्ञा आन्दोलन में छः माह के लिए कारावास की यात्रा की थी। फर्रूखाबाद में पासी जाति की संख्या बहुत कम है। किन्तु फिर भी आपने अपने जनपद का नाम रोशन किया। यह बड़े गर्व की बात है। फर्रूखाबाद में मेरे परिवार के और ग्राम-भेलापुरवा हरई के श्री रामस्वरूप पासी फतेहगढ़ में बसे हुये हैं। ये श्री भुवन के सुपुत्र हैं।

 

लखनऊ

श्री मोहन लाल- आपके पिता का नाम श्री मेड़ई लाल पासी था। आपके ग्राम और पोस्ट का कोई पता नहीं लिखा है आप जनपद-लखनऊ के निवासी थे। व्यक्तिगत सत्याग्रह में सन 1941 में आपने डेढ़ साल की सजा पाई थी।

श्री मैकूलाल- आपके पिता का नाम श्री मितई पासी था। आप ग्राम-गौरी थाना-बन्थरा व जिला लखनऊ में निवासी थे। सन 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह में एक वर्ष की सजा तथा पैसठ रू. जुर्माना हुये थे।

श्री रामदयाल पासी- आपके पिता का नाम श्री मैकूलाल पासी था। आप ग्राम-भरोसा जिला-लखनऊ के रहने वाले थे। आपने व्यक्तिगत आन्दोलन में सन 1941 में एक वर्ष की सजा पाई थी। भरोसा-सरोसा मषहूर गाँव हैं।

श्री बसन्त लाल- सुपुत्र श्री मुन्ना पासी डालीगंज जिला- लखनऊ के रहने वाले थे। व्यक्तिगत आन्दोलन में सन 1941 में एक वर्ष की सजा पाई तथा बाद में विधायक बने तथा आप इन्दल भवन छात्रावास सीतापुर रोड के अधीक्षक भी रहे।

 

उन्नाव

श्री महावीर- सुपुत्र श्री नारायनलाल पासी ग्राम-अइमा खेड़ा पोस्ट- मधूड़ जिला-उन्नाव के आप रहने वाले थे। सन 1932 ई0 में विभिन्न आन्दोलनों में आपने भाग लिया। आप पुलिस की गोली से घायल हुये। और छः माह की सजा पाई।

श्री इन्दल पासी- आपके पिता का नाम श्री नरायन पासी था। आप ग्राम-भवानी खेड़ा थाना-हसनगंज जिला-उन्नाव के रहने वाले थे। सन 1942 में व्यक्तिगत आन्दालेन में भाग लिया। एक वर्ष की सजा और 20रू0 जुर्माना हुआ।

 

हरदोई

श्री बैजू पासी- आपके पिता का नाम श्री सुराव पासी था आप ग्राम- ममरेजपुर पोस्ट-बेनीगंज जनपद-हरदोई के रहने वाले थे। राष्ट्रीय आन्दोलन 1941 में भाग लिया। 3 माह की सजा पाई तथा डी0आइ्र्र0आर0 में भी 6 माह की सजा और 50रू0 जुर्माना अदा किया।

श्री रघुनाथ प्रसाद उर्फ राघवानन्द- सुपुत्र श्री बहादुर पासी ग्राम-बांसी पोस्ट-मदारा नयागांव जिला-हरदोई के आप रहने वाले थे सन 1943 में भारत छोड़ों आन्दोलन में 2 वर्ष के लिये बरेली जेल में रहे। आप कई बार विधायक का चुनाव लड़ें तथा महात्मा होकर अभी हाल तक जीवित रहे।

श्री मदारी पासी- ये ग्राम-मोहन खेड़ा तहसील-सण्डीला जनपद-हरदोई के निवासी थे। अभूतपूर्व संगठनकर्ता एवं किसान नेता के लिये यह जनपद उन्नाव, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, प्रतापगढ़ व रायबरेली तक प्रसिद्ध थे, प्रथम किसान आन्दोलन के जन्मदाता बाबा राम चन्दर प्रतापगढ़ वाले की किसान-सभा के ये महामंत्री थे। सन 1921 में महात्मा गांधी व जवाहर लाल नेहरू ने भी इनकी संगठन क्षमता के लिए प्रषंसा की थी। सूखा ग्रस्त किसानों को लागान न देने के लिये सरकार के कुर्की आदेष को अस्वीकार, करके किसानों का अवध में सितारामी ‘एका जनपद में अपना दमन चक्र भी चलाया था।’ इनका नारा था। ‘सब कर हर के तर’ ये जेल भी गये थे।

श्री मेड़ई पासी- आपके पिता का नाम श्री लल्तू पासी था आप ग्राम व पो0 बेनीगंज जनपद- हरदोई के निवासी थे। सन 1941 में व्यक्तिगत आन्दोलन में भाग लिया तथा एक वर्ष की सजा व 60रू0 जुर्माना हुआ।

श्री देव पासी- आप परतापपुर पो0 बेनीगंज जनपद-हरदोई के निवासी थे। आप में अभूतपूर्व संगठन शक्ति थी। आप व्यक्तिगत आन्दोलन में जेल गये थे।

श्री माधवराम- आत्मज श्री पीतम ग्राम-बांसी डा0 मदारा हरदोई के आप रहने वाले थे। व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन में सन 1941 में 6 माह का कठोर कारावास तथा 10 रू0 जुर्माना की सजा पाई।

श्री करन- आत्मज श्री लाखा ग्राम-बांसी पो0 मदारा जिला-हरदोई के आप रहने वाले थे। व्यक्तिगत आन्दोलन के कारण सन 1941 में एक वर्ष की सजा तथा 10 रू0 जुर्माना का दण्ड दिया गया।

श्री मीठन- आत्मज श्री दिब्बा पासी ग्राम- म्योना पो0 मदारा जिला-हरदोई के आप रहने वाले थे। व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान सन 1941 में एक वर्ष की कठोर सज पाई तथा 50 रू0 का जुर्माना भी हुआ।

श्री शाहजदि- आत्मज श्री शम्भू पासी ग्राम-बांसी जिला-हरदोई के आप निवासी थे। व्यक्तिगत सत्याग्रहह में भाग लेने के कारण सन 1941 में एक वर्ष की सजा तथा 10 रू0 का जुर्माना की सजा पाई थी।

 

रायबरेली

श्री पंचम पासी- आप मुन्षीगंज जिला-रायबरेली के रहने वाले थे। सन 1921 में सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने पर शहीद हुये।

श्री सुब्बा पासी- आपके पिता का नाम श्री रामचरन था। आप ग्राम-तिवारी बिसहिया पोस्ट-पुरवा सलोन जिला -रायबरेली के रहने वाले थे। व्यक्तिगत आन्दोलन में सन 1941 मे 1 वर्ष की सजा व 50रू0 जुर्माना हुआ।

श्री अंगने पासी- आपका जन्म सन 1899 में ग्राम-टिकरी पहाड़गंज जिला-रायबरेली में किसान पासी परिवार में हुआ था। आप सन 1941 में भारत छोड़ों आन्दोलन में एक वर्ष की सजा हुई थीं।

श्री वीरा उर्फ हीरा पासी- मुरारमऊ के राजा बेनी माधव के आपव अंगरक्षक थे। राजा बेनी माधव को अंग्रेजों की जेल से छुड़ाने में आपने बहुत ही साहसपूर्ण एवं बुद्धिमानी का परिचय दिया था। आपके शौर्य और बलिदान से पूरा पासी समाज गौरवान्वित हुआ है। आप पर अग्रेजो ने जिन्दा या मुर्दा पकड़ने पर 50 हजार रू0 का इनाम रखा था। आपके एक और साथी षिवदीन पासी का भी शौर्य पूर्ण बृतांत मिलता है।

 

बलिया

श्री षिवनाथ भर- आप श्री गनेष भर के सुपुत्र थे। आप ग्राम-भरदह जिला-बलिया के रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में धारा 315, 436, आई0पी0सी0 में 2 वर्ष की सजा पाई।

श्री अवतार भर- आप टंगुनिया जिला-बलिया के निवासी थे 24 अगस्त सन 1942 को अंग्रेज मूर के द्वारा चलाई गई गोली से आप शहीद हो गये थे।

श्री प्रताप पासी- आप श्री सीताराम पासी के सुपुत्र थे। आपका निवास स्थान इसरतगंज जिला-बलिया था। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया। आपको 2 वर्ष की कैद और 12 बेतों की सजा मिली थी।

श्री बल्ली भर- आपके पिता का नाम श्री षिवमुनी भर था आप बलुआ बांसडीह जिला-बलिया के रहने वाले थे। सन 1944 में आपकों विभिन्न आंदोलनों में भाग लेने के फलस्वरूप् 315, 317, आई0पी0सी0 के अन्तर्गत 7 वर्ष की कठोर सजा हुई।

श्री बलदेव भर- सुपुत्र श्री भजन उर्फ लच्छन निवासी-बड़सरी जिला-बलिया में सन 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह में डी0आई0आर0 में 18 माह की सजा पाई थी।

श्री रतन भर- सुपुत्र श्री शीतलू भर निवासी षिवपुर बलिया में सन 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया तथा 3 वर्ष का कठोर कारावास पाया।

श्री हरिनन्दन भर- आपके पिता का नाम श्री बुद्धन भर था आप रतनपुर जिला-बलिया केे ही रहने वाले थे, आपने देष के खातिर 315 व 436 आई0पी0सी0 के अन्तर्गत एक वर्ष की सजा पाई थी।

श्री षिवदहिन राय- आप श्री बंगाली भर के सुपुत्र थे आप तोतापुर नरही जिला-बलिया के निवासी थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया तथा दरियापुर गोली कान्ड में शहीद हुये। इस समय आपकी आयु 32 वर्ष की थी।

श्री निरहू भर- आप ग्राम चोलापुर जनपद-बलिया के रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में अंग्रेजों की गोली के षिकार होकर भारत मां की आजादी हेतु शहीद हो गये।

श्री धरमा- सुपुत्र श्री लेखन दुसाध निवासी सहतवार जिला-बलिया आपने सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में अधिक जोष खरोस से भाग लिया। आपको अंग्रेजों ने 20 माह की सजा तथा 20 बेत की मार की सजा दी।

श्री नगीना दुसाध- आप श्री बारी दुसाध के सुपुत्र थे। ग्राम खरौनी सहतवार जिला-बलिया के आप रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया। 18 माह और 20 बेतों की सजा पाई।

श्री फागूराम- आपके पिता का नाम श्री लच्छू दुसाध था। आप ग्राम-बांधा सहतवार जिला-बलिया के रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया तथा 20 माह की कैद और 20 बेत की सजा पाई।

श्री बद्री भर- आप श्री बरन भर के सुपुत्र थे। आप ग्राम-सिकन्दरपुर जिला-बलिया के रहने वाले थे। भारत छोड़ों आन्दोलन के सिपाही होने के कारण 20 माह की कैदा तथा 20 बेतों की सजा आपने पाई थी।

श्री मुखवा- आप श्री रघुवा दुसाध के सुपुत्र थे तथा सरौनी सहतवार जिला-बलिया के रहने वाले थे आपको भारत छोड़ों आन्दोलन में सक्रियता हेतु धारा 315, 436 आई0पी0सी0 तथा 147 के अन्तर्गत 20 माह की सजा हुई थी।

श्री राजकुमार- सुपुत्र श्री रामवृक्ष दुसाध निवासी सीसोठार जिला-बलिया को उनकी अपूर्व संगठन शक्ति से घबड़ा कर अंग्रेजों ने कई बार जेल में डाल दिया था तथा सन 1942 में जेल में ही 60 वर्ष की आयु में आप शहीद हो गये। धन्य है ऐसे भारत माता के कर्मठ सपूत। आप में वीरता कूट-कूटकर भरी थी। आपको क्षेत्रीय जनता सीसोटार का शेर कहती थी।

श्री रामदास- आप के पिता का नाम श्री शीतला दुसाध था धन्य है भारतीय सवर्ण समाज जो शीतल को शीतला, नाम से पुकार कर पुकारते तथा लिखते रहे हों उस सभ्य समाज से ऐसी ही आषायें की जा सकती हैं जो दलितों व गरीबों के प्रति अपने निम्न भाषाई विचार प्रकट करते रहते हैं। इसी से राजा लाखन को (जिन्होनें लखनऊ बसाया) लखना महाराजा सातन को सतना जैसे अषोभनीय शब्दों का ष्प्रयोग किया है। रामदास ने असहयोग आन्दोलन में सन 1921 में भाग लिया और 5 वर्ष की कैद हुई।

श्री सरजूराम- आपके पिता का नाम श्री शीतल दुसाध था आपका ग्राम-बहादुरपुर जिला-बलिया थाना कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले निडर कांग्रेसी नेता थे। आप पर पुलिस ने फर्जी मुकदमा चलाकर 5 वर्ष की कैद तथा 20 बेतों की सजा सुनाई गई थी।

श्री सुखलाल- सुपुत्र श्री भगेलू दुसाध निवासी-मासूमपुर पो0-सिकन्दरपुर जिला-बलिया के थे। सन 1921 के असहयोग आन्दोलन में 5 माह की कैद और 10 रू0 जुर्माना हुआ था।

 

प्रकीर्ण

श्री सन्तन पासी- आपके पिता का नाम श्री नैपाल पासी था। आप ग्राम-कम्हारीए पोस्ट.देवारीए अमहटए थाना. पडारी यमिर्जापुर के रहने वाले थे। व्यक्तिगत आन्दोलन में भाग लिया तथा सन 1941 में तीन माह की कैद व 10 रू0 जुर्माना हुआ।

श्री गोकुल पासी- आप श्री बादल पासी के सुपुत्र थे। ग्राम मनिकापुर पो0बदलापुर जनपद-जौनपुर के आप रहने वाले थे। भारत छोड़ों आन्दोलन में सन 1942 में एक वर्ष की सजा पाई।

श्री वीरवर भुवन पासी- आप तथा आपके सुपुत्र गुल्जार ने फैजाबाद का नाम रोषन कर दिया था। वीरवर भुवन पासी ने सन 1857 में अंग्रेजों का सामना किया था, और शहीद हो गये थें। तथा गुल्जार पासी को फांसी की सजा बाद में पकड़े जाने पर अंग्रेजों ने दी थी। फैजाबाद पासी वीरों की जन्म स्थली है। जिसने श्री पन्नालाल जैसे समाज सेवी व प्रषासक, श्री अवधेष प्रसाद तथा श्रीे आर0के0 चौधरी सरीखे कबीना मंत्री पैदा कर पासी समाज का गौरव देष और प्रदेष में बढ़ाया है। श्री अवधेष प्रसाद प्रथम कबीना मंत्री पासी समाज के हैं तथा श्री आर0के0 चौधरी प्रथम कबीना मंत्री (बिना विधायक चुने हुये) श्री मुलायम सिंह यादव के मंत्रिमण्डल में नियुक्त किये गये थे।

श्री जंगी भर- आपके पिता का नाम श्री घुरहू भर था ग्राम गौसपुर जिला गाजीपुर के आप रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया और 2 वर्ष की सजा तथा 12 बेतों का दण्ड साथ में पाया था।

श्री बैजनाथ खटिक- आप श्री नेवर खटिक के सुपुत्र थे तथा सैदपुर जिला-गाजीपुर के रहने वाले थे। सन 1942 को भारत छोेड़ों आन्दोलन में भाग लिया और 6 वर्ष की कैद हुई।

 

बिहार राज्य

श्री सती पासी- आपका जन्म सन 1900 में ग्राम-तारापुर जिला-मुन्गेर बिहार प्रदेष में हुआ था। अंग्रेजों द्वारा तारापुर में चलाई गई गोली से आप सन 1932 में घटना स्थल पर ही शहीद हो गये थे।

श्री राजेन्द्र- आपके पिता का नाम श्री जानकी दास दुसाध था। ग्राम-बनवारीपुर जिला-पटना बिहार के रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में पुलिस की गोली से आप शहीद हुये।

श्री लखन दुसाध- आप ग्राम-बसन्तपुर जिला-जम्पारन बिहार के रहने वाले थे। 17 अगस्त सन 1942 को थाना धोरासहन की घेरा बन्दी में आप भी पुलिस की गोली से शहीद हुये।

श्री जयगोविन्द पासवान- आप ग्राम-षीतलपुर जिला-मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले थे। 30 अगस्त सन 1942 को बिद्वपुर बाजार में पुलिस की गोली से शहीद हुये।

श्री परमेष्वर पासवान- आपके पिता का नाम श्री लालू पासवान था। आप ग्राम-धोकवा जिला-पूर्णिया बिहार के रहने वाले थे। 25 अगस्त सन 1942 को छमदाह थाना के घेराव में पुलिस की गोली से आप शहीद हो गये थे।

श्री जहुरी पासवान- आपके पिता का नाम श्री गोपी पासवान था। ग्राम-लगना जिला-मुँगेर बिहार के आप रहने वाले थे। 19 अगस्त सन 1942 को पुलिस की गोली से आप शहीद हुये।

श्री बूधन पासवान- आप ग्राम-कजरहाट जिला-मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले थे। सन 1942 को भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया। आप जिस समय एक सभा को सम्बोधित कर रहे थे, उसी समय पुलिस की गोली से आप शहीद हो गये थे।

श्री भगवत पासवान- आपके पिता का नाम श्री लाल जी पासवान था, ग्राम-थाहर जिला-दरभंगा बिहार के आप रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में सैनिकों की गोली से आप शहीद हुये।

श्री लिखरू पासवान- ग्राम-मालटोला जिला-भागलपुर के आप रहने वाले थे। भारत छोड़ों आन्दोलन में स्थान कारीहाट में 6 नवम्बर सन 1942 में पुलिस की गोली से आप शहीद हो गये।

श्री मुसहरू पासी- आप ग्राम-बारी जिला-मुंगेर के रहने वाले थे। सन 1942 में भारत छोड़ों आन्दोलन में भाग लिया। बरौनी स्टेषन पर पुलिस की गोली से आप शहीद हो गये थे।

उपर्युक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अतिरिक्त और भी स्वाजातीय सेनानी हैं, किन्तु उनकी जाति का उल्लेख न मिलने से वे महान सेनानी इस लेख में स्थान न पा सके, किन्तु उनका बलिदान और त्याग, देष और जाति के लिये सदैव प्रेरणा का श्रोत बना रहेगा।

(बुक पासी इतिहास दर्पण लेखक-रामदयाल वर्मा)